शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये
शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये
यह कहानी को ऑडियो में सुनने के लिए क्लिक कीजिये
एक व्यक्ति हमेशा २ हीरे अपनें हाथ में रखता था १ ) असली हीरा २) नकली हीरा।
वह दोनो हीरे एक दम समान दिखते थे। वह व्यक्ति सभी से शर्त लगता था की असली हीरा कोनसा है ? बड़े बड़े महान दिग्गज भी शर्त हार जाते थे।
पढ़े – भगवत गीता अध्याय २ श्लोक ३ – नकारात्मक विचारधारा का त्याग
भिक्षुक को जब पता चला कि कोई भी हीरे की पहचान नहीं कर पा रहा है।
शिक्षाप्रद कहानी
वह निर्णय लेता है की मैं असली हीरे की पहचान करुगा ! यह सुनकर सभी आस पास के लोग हंसने लगे।
वह व्यक्ति भिक्षुक के सामने भी शर्त रखता है और वह भिक्षुक २ सेकंड में बता देता है को असली हीरा कोनसा है।
वह व्यक्ति आश्चर्य में पूछता है आपको केसे पता चला ? भिक्षुक कहता है की असली हीरा हमेशा ठंडा रहता है।
आप कितने भी धूप में रखो वह गर्म नही होगा। जब हीरो पर हाथ लगाया तो एक ठंडा था और गर्म ! इसलिए मैंने असली हीरा कोनसा है वह मैने आसानी से बता दिया।
पढ़े – महापुरुष रामकृष्ण परमहंस का प्रेरक प्रसंग – त्याग
निष्कर्ष :
शिक्षाप्रद कहानी – दिमाग को ठंडा राखिये से सिख मिलती है कीअगर हमें हीरे के समान रहना है तो हमे भी हीरे के जैसे हर परिस्थिति में दिमाग को ठंडा रखना पड़ेगा।
जिस दिन आपनें यह सीख लिया तो उसदीन आपका चरित्र निम्नकोटी से उच्चकोटि के स्तर पर पहुंच जाएगा।
उच्चकोटी वाला इंसान विपरीत परिस्थितियों में भी दिमाग को ठंडा रखता है और बुद्धि से निर्णय लेता है।
निम्नकोटी वाला इंसान विपरीत परिस्थितियों में दिमाग को ठंडा नही रख पता जिससे वह बुद्धि से निर्णय लेने में असक्षम हो जाता है।